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फिल्म ‘आदिपुरुष’ का पूरे भारत में विरोध, 3 दिन में कमाए 340 करोड़

ई दिल्ली। रामायण पर आधारित बहुभाषी फिल्म ‘आदिपुरुष’ के खिलाफ सोमवार को देश के कई शहरों में प्रदर्शन किए गए और नेपाल में सभी हिंदी फिल्मों पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि किसी को भी लोगों की भावनाएं आहत करने का अधिकार नहीं है।

फिल्म को लेकर विवाद बढ़ने के बीच उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में दर्शक सड़कों पर उतर आए, जबकि मुंबई पुलिस फिल्म के संवाद लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला के अनुरोध पर उन्हें सुरक्षा देने पर सहमत हो गई।

ओम राउत द्वारा निर्देशित एवं प्रभास एवं कृति सेनन अभिनीत इस फिल्म की उसके संवाद, उसके कुछ पात्रों के चित्रण के लिए आलोचना की जा रही है। नेपाल में फिल्म ‘आदिपुरुष’ के संवादों को लेकर उठे विवाद और फिल्म में माता सीता का उल्लेख भारत की बेटी के रूप में किए जाने के बाद ‘आदिपुरुष’ सहित सभी हिंदी फिल्मों के प्रदर्शन पर सोमवार को रोक लगा दी गई।

मुंबई में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि फिल्म के लेखक और निर्देशक देशभर में हंगामे के बाद फिल्म में कुछ बदलाव करने के लिए तैयार हो गए हैं। ठाकुर ने कहा, किसी को भी दूसरों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का अधिकार नहीं है। सीबीएफसी (केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड) ने इस मुद्दे पर फैसला लिया है। यह उनका काम है।

हालांकि उन्होंने सीबीएफसी के फैसले के बारे में विस्तार से नहीं बताया। मंत्री ने कहा, फिल्म के लेखक और निर्देशक ने भी कहा है कि वे (विवाद के बाद) जरूरी बदलाव करेंगे। शुक्रवार को देशभर में हिंदी, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और तमिल में रिलीज हुई फिल्म ‘आदिपुरुष’ में प्रभास राघव (राम), कृति सेनन जानकी (सीता) और सैफ अली खान लंकेश (रावण) की भूमिका में हैं।

प्रोडक्शन बैनर टी-सीरीज के अनुसार, फिल्म ने वैश्विक बॉक्स ऑफिस पर तीन दिनों में 340 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में सोमवार को फिल्म का विरोध हुआ। वहीं अयोध्या में संतों ने फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए कहा कि फिल्म के संवाद सुनकर खून खौल उठता है।

वाराणसी में लोगों के एक समूह ने विरोध प्रदर्शन किया और ओम राउत निर्देशित फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए। मंदिरों के शहर मथुरा में एक हिंदू संगठन ने थिएटर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने हजरतगंज थाने में तहरीर देकर फिल्‍म के अभिनेताओं, निर्माता और निर्देशक के खिलाफ प्राथमिकी पंजीकृत दर्ज करने की मांग की है। हालांकि पुलिस के अनुसार अभी तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, फिल्म का संवाद सुनकर खून खौल उठता है, फिल्म पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। सरकार को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि दोबारा ऐसा ना हो। मथुरा में अखिल भारत हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने गोविंद नगर थाना क्षेत्र के एक सिनेमाघर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और फिल्म के खिलाफ नारेबाजी की।

इस बीच, समाजवादी पार्टी ने भी फिल्म के प्रति विरोध जताया और कहा कि इसके ओछी एवं बनावटी संवादों से आस्थावान आहत हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सेंसर बोर्ड को उन लोगों के राजनीतिक चरित्र प्रमाण पत्र की जांच करनी चाहिए जो अपने राजनीतिक आकाओं के पैसे का उपयोग करके एक एजेंडे के साथ फिल्में बनाकर लोगों की आस्था से खिलवाड़ करते हैं। उन्होंने एक ट्वीट में सवाल किया, क्या सेंसर बोर्ड धृतराष्ट्र बन गया है? उल्लेखनीय है कि कौरवों के पिता धृतराष्ट्र महाकाव्य महाभारत में एक दृष्टिहीन राजा थे।

समाजवादी पार्टी के एक अन्य नेता शिवपाल यादव ने ट्वीट करके कहा, सस्ते व सतही संवाद वाले सिनेमा के जरिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और उनकी कथा के विराट तथा प्रेरक चरित्रों को संकुचित करने का प्रयास किया जा रहा है। इससे करोड़ों आस्थावान सनातनी आहत हैं। इस कृत्य के लिए तथाकथित सनातनी भाजपाई देश से माफी मांगें। ये काम ना करो, राम का नाम बदनाम ना करो।

महाराष्ट्र के पालघर जिले के नालासोपारा में एक मॉल में लोगों के एक समूह ने फिल्म की स्क्रीनिंग को बाधित किया। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि वे राष्ट्र प्रथम नामक एक समूह से संबंधित हैं।

अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए और लोगों से फिल्म का बहिष्कार करने को कहा। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली के शाहदरा इलाके में कुछ लोगों को एक सिनेमाघर के बाहर नारेबाजी करते देखा गया।

अधिकारी ने कहा, पूर्वी दिल्ली के शाहदरा इलाके में एक सिनेमाघर के बाहर कुछ लोग नारेबाजी कर रहे थे। हालांकि शो बिना किसी रुकावट के चल रहा है। फिल्म ‘आदिपुरुष’ के संवाद लेखक मनोज शुक्ला मुंतशिर द्वारा अपनी जान को खतरा बताए जाने के बाद मुंबई पुलिस ने उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा, हमें मनोज शुक्ला से एक आवेदन मिला है और उनकी जान को खतरा होने के बाद हम उन्हें सुरक्षा प्रदान करने पर विचार कर रहे हैं। बाद में टी-सीरीज़ ने कहा कि टीम ने जनता की राय को महत्व देते हुए आदिपुरुष के संवादों में बदलाव करने का फैसला किया है।

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