भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को क्यों मारी गई थी गोली? हमलावरों ने पुलिस को बताई असली वजह

पुलिस ने भीम आर्मी प्रमुख व आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर पर हमले की घटना का पटाक्षेप कर दिया है। पुलिस ने चारों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में हमलावरों ने हमले के पीछे के कई राज बताए।
उन्होंने बताया कि वह तीन चार माह से चंद्रशेखर द्वारा दिए जा रहे बयानों से नाराज थे। इसीलिए चंद्रशेखर की हत्या करने का प्लान बनाया था। पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया है। रविवार को डीआईजी अजय कुमार साहनी व एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने पुलिस लाइन सभागार में प्रेसवार्ता की। डीआईजी के मुताबिक, 28 जून को चंद्रशेखर पर देवबंद में चार युवकों ने हमला किया था। हमलावरों ने उनकी कार पर तीन राउंड फायरिंग की थी। घटना का खुलासा करने के लिए पांच टीमों का गठन किया गया।
पुलिस को सूचना मिली थी कि हमलावर अंबाला में एक मामले में सरेंडर कर जेल जाने की फिराक में हैं। इसके तुरंत बाद पुलिस टीम अंबाला रवाना हुई और शहजादपुर स्थित ढाबे से चारों विकास उर्फ विक्की पुत्र प्रीतम सिंह, प्रशांत पुत्र विक्रम कुमार, लवीश पुत्र विरेंद्र सिंह निवासीगण रणखड़ी देवबंद व विकास उर्फ विक्की पुत्र शिवकुमार निवासी गौंदर जिला करनाल को गिरफ्तार किया। जिनके कब्जे से दो तमंचे भी बरामद किए गए हैं। पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि काफी समय से चंद्रशेखर ने दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में गलत बयानबाजी की थी, जिसमें एक समुदाय को टारगेट किया जा रहा था। इस कारण उन्होंने चंद्रशेखर की हत्या करने की ठान ली थी।
रोहना टोल प्लाजा पर मिली थी चंद्रशेखर के आने की जानकारी
वारदात के दिन लवीश, प्रशांत, विकास और विक्की कार से मेरठ से लौट रहे थे। जब वह रोहाना टोल पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि चंद्रशेखर आने वाला है। इसके बाद से ही वह चंद्रशेखर के पीछे लग गए। चंद्रशेखर का काफिला आया और वह देवबंद में गांधी कालोनी में एक शोकसभा में शामिल हुए। इसके बाद जब वह सहारनपुर के लिए रवाना हुए थे तो सर्विस रोड पर कार पर फायरिंग कर दी। हमलावरों ने तमंचे से तीन राउंड फायरिंग की थी, जिसमें दो गोली रणखंडी के विकास और एक गोली प्रशांत ने चलाई थी।
डीजीपी ने दिया 50 हजार का इनाम
तीन दिन में हमले की घटना का पटाक्षेप होने पर डीजीपी ने भी सहारनपुर पुलिस की सराहना की है। डीजीपी ने पुलिस टीम को 50 हजार रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है। साथ ही राजपत्रित अधिकारियों को प्रशस्तिपत्र देने की घोषणा की।